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प्रदोष व्रत की सम्पूर्ण जानकारी – पंडित प्रदीप मिश्रा

 Pradosh Vrat प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है. सूर्यास्त होने के बाद और रात्रि शुरू से पहले का समय प्रदोष काल कहलाता है. अलग-अलग शहरों में सूर्यास्त का समय भी अलग-अलग होता है, इसीलिए प्रदोष काल दो अलग-अलग शहरों के लिए अलग हो सकते हैं. --------------------------------------------------

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You are welcome in the About us page of our website, so today we will tell you why we have created a website. What is the goal of our website. And you will get some new information.

हमारी वेबसाइट के बारे में

हमारी वेबसाइट का नाम गीता पाठ है. आप हमारी वेबसाइट पर आने के लिए www.geetapath.in लिख कर आ सकते हैं. 

यहां पर गीता पाठ का मतलब धार्मिक और ज्ञानवर्धक आर्टिकल से है. इसलिए हमारी वेबसाइट में आपको धार्मिक और सामाजिक विषयों से सम्बंधित आर्टिकल ही पढ़ने को मिलेगे. इसका सीधा मतलब है कि यहाँ पर कोई Hacking, Adult, Violence, Crime करने वाले आर्टिकल नहीं मिलेंगे.

हमने यह वेबसाइट किस उद्देश्य से बनाई है

हमारी इस वेबसाइट का उद्देश्य सनातन धर्म के मूल्यों और चिंतन को समस्त जनमानस तक पहुचाना है. अगर किसी को हमारे किसी आर्टिकल से परेशानी हो रही है तो वो बिना किसी मानसिक तनाव के अपनी परेशानी साझा (share) करे.

हमारी वेबसाइट का लक्ष्य क्या है

हमारे धार्मिक ग्रंथों और महान संतों द्वारा स्थापित किये गये नैतिक मूल्यों को समस्त मानव जाति तक पहुचाना और उन नैतिक मूल्यों अनुकरण करने के लिए प्रेरित करना ही हमारी वेबसाइट का लक्ष्य है. जिससे कि मानवतावादी, दयालु और उच्च नैतिक मूल्यों युक्त समाज का निर्माण हो सके और पृथ्वी पर स्थायी शांति का वातावरण बन सके.

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पशुपति व्रत की संपूर्ण जानकारी – पंडित प्रदीप मिश्रा

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