Pradosh Vrat प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है. सूर्यास्त होने के बाद और रात्रि शुरू से पहले का समय प्रदोष काल कहलाता है. अलग-अलग शहरों में सूर्यास्त का समय भी अलग-अलग होता है, इसीलिए प्रदोष काल दो अलग-अलग शहरों के लिए अलग हो सकते हैं. --------------------------------------------------
पशुपति व्रत करने से बहुत से फायदे होते हैं
इस लेख में हम आपको पशुपति व्रत करने से कौन कौन से मुख्य फायदे होते है इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे.पशुपतिनाथ भगवान शिव को कहा जाता है. भगवान शिव के अनेक नामों में से एक नाम पशुपतिनाथ भी है. पशुपतिनाथ का अर्थ होता है- पशुओ का नाथ अर्थात पशुओं का रक्षक. इसका मतलब है कि भगवान शिव मनुष्यों के साथ साथ सभी पशु और पक्षियों के भी नाथ है. पशुपतिनाथ का व्रत करना बहुत ही लाभकारी होता है. इस व्रत के लाभ के बारे में हम आपको विस्तार से बताने वाले है.
यदि आपके जीवन में किसी तरह की परेशानी उत्पन्न हो रही है जैसे - शारीरिक परेशानी ( कोई बीमारी ), मानसिक परेशानी या सामाजिक परेशानी आदि, तो आपको पशुपतिनाथ का व्रत अवश्य करना चाहिए. इस व्रत को करने से जीवन की समस्त परेशानियां समाप्त हो जाती है. और आपका जीवन सुखमय बन सकता है.
यहाँ पर इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि पशुपतिनाथ का व्रत कम से कम 5 सोमवार अवश्य करना है, तभी पशुपति व्रत करने का फल प्राप्त होता है.
पशुपति व्रत करने के फायदे
- सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए
यदि किसी का वैवाहिक जीवन सही नही चल रहा है और पति पत्नी के बीच हमेशा छोटी छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा होता रहता है. तो आपको अपना वैवाहिक जीवन सुखमय बनाने के लिए पशुपतिनाथ का व्रत करना चाहिए. इस व्रत को करने से पति और पत्नी के बीच में जो लड़ाई झगड़ा चल रहा होता है, धीरे धीरे दूर हो जाता है. और वैवाहिक जीवन सुखमय हो जाता है.ऐसे बहुत से लोग है जिनका वैवाहिक जीवन सही नही चल रहा था, उनमें से कई लोगों को सम्बन्ध विच्छेद की स्थिति भी उत्पन्न हो गई थी, लेकिन जब उन लोगों ने पशुपति व्रत किया तो उनकी सभी परेशानियाँ दूर हो गई और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय हो गया.
- पशुपतिनाथ का व्रत बीमारी को नष्ट करता है
यदि आपको या आपके परिवार में किसी को ऐसी कोई बीमारी हो गई है जो ठीक नही हो रही है. तो आप अपने लिए या अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए पशुपति व्रत रख सकती है, और पशुपति व्रत के पुण्य प्रभाव से बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक हो जाती है. पशुपतिनाथ के व्रत को करना बहुत ही आसान है. पशुपति व्रत करके आप स्वयं को या अपने परिवार निरोगी बना सकते है.- पशुपतिनाथ का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है
पशुपति व्रत करने का एक लाभ यह भी है कि आपकी जो भी मनोकामनाएं है वह भगवान शिव की कृपा से पूर्ण हो जाती है. यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष कामना की प्राप्ति के लिए पशुपति व्रत करता है तो भगवान भोलेनाथ व्रत करने वाले की मनोकामना अवश्य पूरी करते है. इसलिए पशुपतिनाथ का व्रत करने से मनोकामना पूर्ण होने की संभावनाएं बढ़ जाती है. अतः हम सभी को अपनी किसी मनोकामना की पूर्ति हेतु पशुपति व्रत अवश्य करना चाहिए.- पशुपतिनाथ का व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं
यदि आप भगवान शिव के भक्त हैं और आप भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तरह तरह की पूजा करते हैं या फिर कई तरह के उपाय करते है तो आपको भगवान पशुपतिनाथ का व्रत अवश्य करना चाहिए, क्योकि पशुपति व्रत करने से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. और भगवान भोलेनाथ भक्तों को मनचाहा वरदान अवश्य देते हैं. अतः भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पशुपति व्रत अवश्य करना चाहिए.- पशुपतिनाथ का व्रत करने से घर में देवी देवताओं का वास होता है
यदि आप कोई भी पूजा पाठ या व्रत करते है तो आपके घर में देवी देवताओं का वास होने लग जाता है. इसी प्रकार जब आप पशुपति व्रत करते हैं तो भगवान भोलेनाथ की कृपा द्रष्टि आपके घर पर बनी रहती है जिससे आपके घर से नकारात्मक उर्जा का नास होता है और सकारात्मक उर्जा ( Positive Energy ) की ब्रद्धि होती है. और इस सकारात्मक उर्जा से घर का वातावरण अच्छा रहता है. और इस कारण घर की सुख शांति में वृद्धि होती है.- पशुपतिनाथ का व्रत करने से मन को शांति मिलती है
हर एक व्यक्ति के मन हमेशा कुछ न कुछ उथल पुथल मची ही रहती है. लेकिन जब आप पशुपति व्रत करते है और भगवान शिव की पूजा करते है तब आप अपने मन को भगवान भोलेनाथ के चरणों में एकाग्रित करते है. इस तरह से आप का मन सांसारिक परेशानियों से दूर हट कर भगवान के चरणों में स्थिर होता है. और हमारे मन को असीम सुख और शांति का अनुभव होता है. इस तरह से पशुपति नाथ का व्रत करने से मन को शांति मिलती है.- पशुपतिनाथ व्रत पेट की बीमारी को कम करने में सहायक है
मेडिकल रिसर्च के अनुशार अपने पेट को निरोगी रखने के लिए सप्ताह में एक दिन व्रत करना आवश्यक है. यदि आप सप्ताह में एक दिन व्रत या उपवास रखते हैं तो यह उपवास पेट की परेशानियों को कम करने का काम करता है और इसके साथ ही पेट की पाचन शक्ति को बढाता है. जिससे हमारा शरीर स्वस्थ और तरोताजा रहता है. इस तरह पशुपति व्रत पेट की बीमारियों को कम करके शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होता है.- पशुपतिनाथ व्रत शरीर का वजन कम करने में सहायक होता है
आजकल की आधुनिक जीवन शैली के कारण अधिकतर लोगों के शरीर का वजन बढ़ा हुआ रहता है अर्थात उनका शरीर Overweight होता है. क्योकि हमलोग जितना भोजन करते है उस ग्रहण किये गये भोजन के अनुपात में अपने शरीर से श्रम नही करते हैं जिससे हमारे शरीर का मोटापा बढ़ता जाता है और यह मोटापा आगे चल कर कई बीमारियों को जन्म देता है फिर हमारा शरीर अस्वस्थ होने लगता है. यदि हम सप्ताह में एक दिन व्रत करते है तब हमारे शरीर में जमा हुई अतिरिक्त कैलोरी जलती (Burn) होती है, और इस तरह हमारे शरीर का मोटापा धीरे धीरे कम होने लगता है. इस प्रकार पशुपतिनाथ व्रत हमारे शरीर के वजन को कम करने में भी सहायक होता है.- पशुपतिनाथ का व्रत करने से कर्ज से छुटकारा मिलता है
पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने शिव महापुराण की कथा में कई बार बताया है कि यदि किसी के ऊपर बहुत अधिक कर्ज हो गया है और उस कर्ज से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. तो पशुपति व्रत के प्रभाव से कर्ज से छुटकारा मिल सकता है. यदि आप कर्ज से छुटकारा पाना चाहते है तो आपके के लिए पशुपतिनाथ का व्रत बहुत अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है. इसके साथ ही पशुपतिनाथ का व्रत त्वचा के लिए फायदेमंद होता है, ब्लड प्रेसर को सही करता है, कोलेस्ट्राल को भी कम करता है, ब्लड शुगर को कम रखता है, शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि करता है, और ज्यादा खाना खाने की लत को कम करता है.
इस तरह हम देखते है कि पशुपतिनाथ का व्रत करने से हमारे जीवन में बहुत परिवर्तन आता है और इस व्रत के प्रभाव से हम अपना जीवन सुखमय बना सकते है. इसीलिए पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण कथा में अनेकों बार पशुपतिनाथ व्रत को सर्वश्रेष्ठ व्रत बताया है.
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