Pradosh Vrat प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है. सूर्यास्त होने के बाद और रात्रि शुरू से पहले का समय प्रदोष काल कहलाता है. अलग-अलग शहरों में सूर्यास्त का समय भी अलग-अलग होता है, इसीलिए प्रदोष काल दो अलग-अलग शहरों के लिए अलग हो सकते हैं. --------------------------------------------------
भगवद गीता सनातन धर्म का बहुत ही पवित्र ग्रन्थ है. भगवद गीता, रामायण महाभारत या वेदों की तरह सम्पूर्ण स्वतंत्र ग्रन्थ नही है, बल्कि यह महाभारत महाकाव्य के भीष्मपर्व का एक अंग है. महाभारत महाकाव्य जो कि महर्षि वेदव्यासजी के द्वारा रचित है और यह संसार का सबसे बड़ा महाकाव्य है, इस महाकाव्य के भीष्मपर्व में महाभारत युद्ध की शुरुआत होने का वर्णन किया गया है. महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को मनुष्यों के कल्याण हेतु दिए गए उपदेशों का संकलन ही भगवद गीता है. इस पवित्र ग्रन्थ में भक्ति, आत्मा, परमात्मा, कर्म और जीवन के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है. भगवद गीता में 18 अध्याय और लगभग 700 श्लोक हैं. और इन्ही श्लोकों में ही मनुष्यों की सम्पूर्ण जिज्ञाषा और परेशानियों हल लिखा हुआ है. भगवद गीता में क्या लिखा है? भगवद गीता में विभिन्न हिंदू विचारों का एक संश्लेषण प्रस्तुत किया गया है. इसमें ज्ञान, भक्ति, कर्म और राज योग को शामिल किया गया है. इसमें सांख्य-योग दर्शन के विचार भी शामिल हैं. भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण-अर्जुन संवाद में आध्यात्मिक विषयों की एक वि...